HUMAN GEOGRAPHY




HUMAN GEOGRAPHY 
introduction of human geography 
definition, nature subject area of human geography
HUMAN GEOGRAPHY 
introduction of human geography 
definition, nature subject area of human geography
बी. ए. प्रथम वर्ष

मानव भूगोल

ईकाई - 1

मानव भूगोल की परिभाषा, प्रकृति, उद्देश्‍य और विषयवस्‍तु एवं विकास।

Definition, Nature, Objectives, Scope and development of Human Geography

मानव भूगोल का अन्‍य सामाजिक विज्ञानों से अन्‍तर्सम्‍बन्‍ध ।

Interrelation of human geography with other social sciences.

मानव भूगेाल क्‍या है ? इसकी परिभाषा, प्रकृति विषय क्षेत्र लिखिये।

उत्‍तर -

- भूसतह पर मानव और उसके कार्यों के अध्‍ययन को मानव भूगोल कहते हैं।

- मानव स्‍वयं एक भौगोलिक कारक है जो एक ओर अन्‍य भौगोलिक कारकों की भांति भू सतह, जलमंडल और वायुमण्‍डल को प्रभावित करता है। 

- भूगोल के अन्‍य कारकों का प्रभाव मानव पर पडता है। मानव इन भौगोलिक कारकों के साथ अन्‍योन्‍यक्रिया करता है इस अन्‍ययोन्‍य क्रिया में इन सभी का अध्‍ययन मानव भूगोल है।

मानव भूगोल को विभिन्‍न विद्वानों ने निम्‍नलिखित रूप से परिभाषित किया है।

 

फ्रेडरिक रेटजेल - मानव भूगोल के दृश्‍य सर्वत्र वातावरण से सम्‍बद्ध हैं जो स्‍वयं भौतिक दशाओं का योग है।

कुमारी ऐलन सेम्‍पल - मानव भूगोल गतिशील पृथ्‍वी तथा क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तन सम्‍बन्‍धों का अध्‍ययन है।

विडाल डी ला ब्‍लाश -  पृथ्‍वी को नियन्त्रित करने वाले भौतिक नियमों का तथा पृथ्‍वी पर निवास करने वाले जीवों के पारस्पिरिक सम्‍बन्‍धों के संयुक्‍त ज्ञान का अध्‍ययन किया जाता है।

जीन बूंश - भौतिक भूगोल और मानवीय क्रियाओं के बीच सम्‍बन्‍धों का अध्‍ययन मानव भूगोल है।

एल्‍सवर्थ हंटिगटन - मानव भूगोल भौगोलिक वातावरण और मानव के कार्य-कलाप एवं गुणों के सम्‍बन्‍ध के स्‍वरूप और वितरण के अध्‍ययन के रूप में परिभाषित कियाजा सकता है।

अल्‍बर्ट डीमांजिया - मानव भूगोल भौगोलिक तत्‍वों के साथ साथ मनुष्‍य के प्रभावों एवं उस पर पडने वाले प्रभावों का अध्‍ययन है।

डिकेन्‍स एवं पिटस - मानव भूगोल को मानव तथा उसके कार्यों के अध्‍ययन की दृष्टि से देखा जाता है।

मानव भूगोल की प्रकृति               

मानव भूगोल का उद्देश्‍य

- मानव वातावरण को और वातावरण मानव को प्रभावित करता है। मानव के कार्यों से वातावरण में होने वाले वांछित और अवांछित परिवर्तनों को समझना और मानव के उन कार्यों और प्रभावों के वितरण का अध्‍ययन करना है जिससे इन अवांछित प्रभावों को कम किया जा सके।

- वातावरण भी मानव पर प्रभाव डालता इस प्रभाव से बचने के लिए अलग अलग मानव समुदायों ने अलग अलग विधियॉ विकसित की हैं। भूसतह पर मानव का वातावरण से अनुकूलन या संघर्ष के वितरण का अध्‍ययन मानव भूगोल उद्देश्‍य है ताकि वातावरण और मानव दोनों के संरक्षण की विधियों को खोजा और विकसित किया जा सके।

- प्रादेशिक विविधता के साथ भिन्‍न-भिन्‍न मानव समूहों की भिन्‍न-भिन्‍न अनुकूलन विधियों से भिन्‍न-भिन्‍न संसाधनों के दोहन की भिन्‍न-भिन्‍न विधियों का ज्ञान प्राप्‍त होता है। जो मानव कल्‍याण में उपयोगी होता है। 

विषयवस्‍तु -     

मानव भूगोल की विषय वस्‍तु मानव और उसके कार्यों से प्रारंभ होती है।

- मानव का प्रक्रति के साथ अनुकूलन से उत्‍पन्‍न मानव प्रजातियॉ और उनका वितरण।

- मानव जनसंख्‍या और उसकी विशेषतायें।

- मानव निवास (अधिवास भूगोल)।

- मानव का खानपान, पहनावा, रीतिरिवाज, परम्‍परायें (सामाजिक भूगोल, सांस्‍कृतिक भूगोल),

- प्रकृति से वन संग्रहण, आखेटन, वनदोहन, कृषि, उद्योग, परिवहन व सेवाओं जैसी आर्थिक क्रियाओं का विश्‍ववितरण का अध्‍ययन(आर्थिक भूगोल) मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है।

- विभिन्‍न मानव समुदायों के आपसी सम्‍बन्‍ध और एक ही मानव समुदायों में आपस के सम्‍बन्‍धों का अध्‍ययन मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है।

- दो या दो से अधिक मानव समूहों के भूमि क्षेत्र की सीमायें और इन समूहों के आपसी सम्‍बन्‍ध (राजनीतिक भूगोल) मानव भूगोल का क्षेत्र है।

- मानव और भूसतह पर उसके कार्यों से उत्‍पन्‍न (कृषि, उद्योग, परिवहन, सेवा क्षेत्र हेतु सांस्‍कृतिक भूस्‍वरूप) विषय मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है।

मानव भूगोल का अन्‍य सामाजिक विज्ञानों से अन्‍तर्सम्‍बन्‍ध लिखिये।

उत्‍तर - मानव भूगोल का अन्‍य विज्ञानों से अन्‍तर्सम्‍बन्धित है यह सम्‍बन्‍ध निम्‍नलिखित है।

1. मानव भूगोल और नृविज्ञान

- वातावरण के प्रभाव और उससे अनुकूलन के फलस्‍वरूप मानव के शारीरिक लक्षणों में परिवर्तन आ जाता है जिससे मानव प्रजातियों का उद्भव होता है।

- मानव भूगोल में भिन्‍न-भिन्‍न वातावरण और इस वातावरण से उत्‍पन्‍न भिन्‍न-भिन्‍न प्रजातियों का अध्‍ययन किया जाता है।

- नृविज्ञान में मानव की प्रजातीय संरचना के कारणों को जानने में वातावरण का अध्‍ययन भी शामिल होता है।

- मानव भूगोल और नृविज्ञान दोनों में मानव प्रजातियों के लक्षणों का अध्‍ययन अवश्‍य ही किया जाता है इस प्रकार ये दोनो विज्ञान एक दूसरे से अन्‍तर्सम्‍बनिधत हैं।

2. मानव भूगाल और समाजशास्‍त्र

- मानव का वातावरण से अनुकूलन व्‍यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में किया जाता है। मानव भूगोल में वातावरण का मानव पर और मानव का वातवरण पर प्रभाव का अध्‍ययन करता है।

- सामाजिक विज्ञान में विशेष वातावरण में मानव के आपसी संबन्‍धों और वातावरण से संघर्ष हेतु अपनायी गयी परम्‍पराओं और संस्‍कृति का अध्‍ययन किया जाता है।

- इस प्रकार मानव भूगोल और सामाजिक विज्ञान का अन्‍तर्सम्‍बनध है।

3. मानव भूगोल और इतिहास-

- इतिहास समय के सन्‍दर्भ में मानव गतिविधियों पर केद्रित है।

- मानव भूगोल क्षेत्र के सन्‍दर्भ में मानव गतिविधियों पर केन्द्रित है।

- समय और क्षेत्र के केन्‍द्र में मानव है। दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता वे अन्‍तर्सम्‍बन्धित हैं इस प्रकार मानव भूगोल व मानव इतिहास एक दूसरे से अर्न्‍तसम्‍बन्धित हैं।

4. मानव भूगोल और अर्थशास्‍त्र -

- मानव भूगोल में मानव के जीवन-यापन के लिए किये गये कार्य को उसकी आर्थिक गतिविधियॉ कहा जाता है।

- मानव की आर्थिक गतिविधियों का भूसतह पर वितरण का अध्‍ययन आर्थिक भूगोल में किया जाता है जो कि मानव भूगोल की एक शाखा है।

- अर्थशास्‍त्र में आर्थिक गतिविधियों से सम्‍बन्धित नियमों का निर्माण और अध्‍ययन किया जाता है। अर्थशास्‍त्र के अध्‍ययन में क्षेत्र/क्षेत्रों की अव्‍हेलना नहीं की जा सकती जबकि मानव भूगोल में मानव की आर्थिक विधियों की अवहेलना नहीं की जा सकती। इस प्रकार मानव भूगोल और अर्थशास्‍त्र एक दूसरे से सम्‍बन्धित हैं।

5. मानव भूगोल और राजनीतिशास्‍त्र

- राजनीतिशास्‍त्र में किसी क्षेत्र में रहने वाले मानव समूह पर वहॉ की शासन की नियमावली का उल्‍लेख होता है। राज्‍य की सीमा एवं विभाजन एवं सामरिक विशेषतायें भौगोलिक वातावरण से प्रभावित होती हैं। राजनीतिशास्‍त्र के नियम उस प्रदेश के भौगोलिक वातवावरण से प्रभावित एवं अनुकूल होते हैं।

- किसी राज्‍य के भौगोलिक वातावरण से प्रभावित मानव समूह/ समूहों का अध्‍ययन मानव भूगोल का विषय है।

- इस प्रकार मानव भूगोल एवं राजीनतिशास्‍त्र दोनों भौगोलिक वातावरण से प्रभावित एवं संचालित होते हैं। इस प्रकार मानव भूगोल एवं राजनीतिशास्‍त्र एक दूसरे से अर्न्‍तसम्‍बन्धित हैं।


·    यह भी देखें 

सौरमंडल क्‍या है 


यह भी देखने के लिए क्लिक करें

             Ba -1 paper -2  unit -1 मानव भूगोल की परिभाषा

Ba -1 paper -2  unit -2 निश्‍चयवाद, संभववाद, नवनिश्‍चयवाद

BA-1 paper -2 unit-2 areal defferntitation क्षेत्रीय भिन्‍नता

Ba -1 paper -2  unit -3 एस्‍कीमो बुशमैन मसाई

Ba -1 paper -2  Unit 4 जनसंख्‍या व प्रवास

BA-1 paper -2 unit- 4 papulation जनसंख्‍या

BA 1 paper 1 unit-2 पृथ्‍वी की उत्‍पत्ति


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विवरण हेतु क्लिक करें

PAPER-I बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल


PAPER-II बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम मानव भूगोल का परिचय 

PAPER-III बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम प्रायोगिक भूगोल

 

BA I YEAR QUESTION AND ANSWER (SOLVED)

PAPER - I

UNIT - I सौर मंडल, पृथ्‍वी उत्‍पत्ति की परिकल्‍पनायेंI


PAPER - II


UNIT - I  क्षेत्रीय विभिन्‍नता की संकल्‍पना Areal differentiation


UNIT - II निश्‍चयवाद, संभववाद, नव निश्‍चयवाद, द्वैतवाद


UNIT - III पर्यावरण से अनुकूलन एस्‍कीमो, बुशमैन, मसाई


UNIT - IV जनसंख्‍या वृद्धि, घनत्‍व और वितरण


UNIT - IV  जनसंख्‍या प्रवास, जनसंख्‍या विस्‍फोट, अनुकूलतम जनसंख्‍या, जनसंख्‍या सामाजिक संसाधन के रूप में।


BA II YEAR SYLLABUS

बी ए द्वितीय वर्षभूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल  

MA GEOGRAPHY SEMESTER-I

PAPER -I GEOMORPHOLOGY (भूआकृति विज्ञान)


सर्वाधिकार लेखकाधीन

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समस्‍त अधिकार लेखक अधीन © 

 

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Milan Tomic

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