world papulation

 


Growth of world population

Density of world population

distribution of world population

विश्‍व की जनसंख्‍या की वृद्धि 

विश्‍व का जनसख्‍या की घनत्‍व 

विश्‍व की जनसख्‍या की वितरण 

विश्‍व की जनसंख्‍या को प्रभावित करने वाले भौतिक और सामाजिक कारक

Physical and social factors influencing spatial distribution of population

जनसंख्‍या अध्‍ययन के आधार

1. जनसंख्‍या वृद्धि

2. जनसंख्‍या घनत्‍व

3. जनसंख्‍या वितरण

1. जनसंख्‍या वृद्धि

·       जनसंख्‍या वृद्धि से तात्‍पर्य किसी निश्चित समयावधि में किसी निश्‍चित क्षेत्र की जनसंख्‍या में होने वाला नकारात्‍मक अथवा सकारात्‍मक परिवर्तन को जनसंख्‍या वृद्धि कहते हैं।

·       जनसंख्‍या में नकारात्‍मक परिवर्तन को नकारात्‍मक जनसंख्‍या वृद्धि कहते हैं। अर्थात जनसंख्‍या में कमी होती है।

·       सकारात्‍मक परिवर्तन होने पर सकारात्‍मक जनसंख्‍या वृद्धि अर्थात जनसंख्‍या में वृद्धि कहते हैं।

 

उदाहरण 1. - यदि किसी निश्चित क्षेत्र अ की किसी निश्चित समयवाधि माना कि एक वर्ष में जनसंख्‍या 100 से 120 हो जाती है तो जनसंख्‍या में सकारात्‍मक वृद्धि हुई है और यह वृद्धि 120 -100 20 व्‍यक्ति है। 

 

उदाहरण - 2. यदि किसी निश्चित क्षेत्र ब की जनसंख्‍या किसी निश्चित समयावधि माना 1 वर्ष में में 100 से घटकर 80 हो जाती है तो जनसंख्‍या में नकारात्‍मक वृद्धि हुई है और यह वृद्धि 80 - 100  -20 अर्थात नकारात्‍मक वृद्धि 20 है अर्थात 20 व्‍यक्तियों की कमी हुई है।

जनसंख्‍या वृद्धि के प्रकार

1.प्राकृतिक वृद्धि (नेचुरल ग्रोथ) -  केवल जन्‍म दर या मृत्‍युदर  के आधार पर निर्धारित की जाती है।

2. कृमिक वृद्धि (अननेचुरल ग्रोथ) - किसी क्षेत्र में आव्रजन या पव्रजन के कारण होने वाली वृद्धि कृमिक वृद्धि है।

 

सोचिये

विश्‍व की जनसंख्‍या में कितनी वृद्धि हो रही है ?

क्‍या पूरे विश्‍व में समान रूप से वृद्धि या कमी हो रही है ? 

विश्‍व के किन क्षेत्रों में जनसंख्‍या वृद्धि अधिक और किन क्षेत्रों में जनसंख्‍या वृद्धि में कमी हो रही है और क्‍यों ?

जनसंख्‍या में वृद्धि या कमी के कौन से कारण हैं ?

कहॉ जनसंख्‍या में वृद्धि होना चाहिए और कहॉ जनसंख्‍या में कमी होना चाहिए ?

क्‍या जनसंख्‍या वृद्धि से समस्‍यायें उत्‍पन्‍न हो रही हैं ?

  

जनसंख्‍या वृद्धि का प्रभाव -

सकारात्‍मक जनसंख्‍या वृद्धि अथवा नकारात्‍मक जनसंख्‍या वृद्धि से प्राप्‍त जनसख्‍यां में कमी या वृद्धि का प्रभाव उस क्षेत्र में उपलब्‍ध संसाधन और उनके उपयोग की तकनीक और क्षमता के सापेक्ष उपयोगी या अनुपयोगी हो सकती है इसे अनुकूलतम जनसंख्‍या के अन्‍तर्गत अध्‍ययन किया गया है।

 

2. जनसंख्‍या घनत्‍व -  इसे समझने से पहले यह कल्‍पना कीजिये कि एक तराजू पर एक ओर एक किलो कपास या रूई रखी है दूसरी ओर एक किलो का लोहे का बॉट रखा है दोनो पलडों में से किसका वजन अधिक है ?

 

सोचिये और उत्‍तर दीजिये ऐसा क्‍यों ?

.................................. हॉ आपने सही सोचा, दोनो का वजन बराबर होगा क्‍योंकि दोनो एक एक किलो हैं। लेकिन आयतन अलग अलग है। क्‍योंकि रूई जिन कणों से मिलकर बनी है वे कण एक दूसरे से दूर हैं जबकि लोहा जिन कणों से मिलकर बना है वे कण एक दूसरे के समीप हैं किसी आयतन या क्षेत्र में जब पास होते हैं तो कम क्षेत्र में अधिक कण आ जाते हैं।

अर्थात् प्रति क्षेत्रफल या प्रति आयतन में कणों की अधिक संख्‍या को अधिक घनत्‍व एवं इसके विपरीत प्रति क्षेत्रफल या आयतन में कणों की कम संख्‍या को कम घनत्‍व या विरल कहते हैं।

इसी प्रकार किसी क्षेत्र में क्षेत्रफल की तुलना में उस पर अधिक जनसंख्‍या का पाया जाना अधिक घनत्‍व एवं क्षेत्रफल की तुलना में कम जनसंख्‍या का होना कम घनत्‍व कहते हैं।

उदाहरण  - भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में ज्‍यादा क्षेत्रफल पर कम जनसंख्‍या रहती है जबकि शहरी क्षेत्रों में कम क्षेत्रफल पर ज्‍यादा जनसंख्‍या होती है जिससे शहरी क्षेत्र की जनसंख्‍या का घनत्‍व अधिक एवं ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्‍या का घनत्‍व कम होता है।

आपके लिए प्रश्‍न - यह बताइये कि भारत में पहाडी क्षेत्रों की जनसंख्‍या की तुलना में मैदानी क्षेत्रों की जनसंख्‍या का घनत्‍व कम या ज्‍यादा कितना होगा ? उत्‍तरांचल पहाडी क्षेत्र है जबकि उत्‍तर प्रदेश मैदानी क्षेत्र है यह बताइये कि उत्‍तरांचल और उत्‍तर प्रदेश में से किसका जनसंख्‍या घनत्‍व अधिक होगा ? अब किताब में या इण्‍टरनेट पर खोजिये क्‍या आपका अनुमान सही है  ?

इसी प्रकार सोचिये -

शहरों में अधिक जनसंख्‍या घनत्‍व के क्‍या कारण हैं ?

विश्‍व में अधिक जनसंख्‍या घनत्‍व के कौन से क्षेत्र हैं और क्‍यों है ?

अधिक या कम जनसंख्‍या घनत्‍व के क्‍या कारण हो सकते हैं ?

 

3. जनसंख्‍या वितरण -  किसी क्षेत्र या क्षेत्रों में जनसंख्‍या के बॅटवारे को उस क्षेत्र या क्षेत्रों में जनसंख्‍या का वितरण कहते हैं यह वितरण सदैव सम नहीं होता है। किसी क्षेत्र में जनसंख्‍या एकत्रित है तो कहीं कही दूर दूर है।  

 


·       विश्‍व की 60 प्रतिशत जनसंख्‍या विश्‍व के स्‍थलीय क्षेत्र के 5 प्रतिशत भाग पर निवास करती है।

·       विश्‍व के 65 प्रतिशत भू भाग पर विश्‍व की केवल 3 प्रतिशत जनसंख्‍या निवास करती है।

·       उत्‍तरी गोलार्द्ध में विश्‍व की 90 प्रतिशत जनसंख्‍या एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में विश्‍व की 10 प्रतिशत जनसंख्‍या पायी जाती है।

विश्‍व में जनसंख्‍या वृद्धि की प्रवृत्ति को लिखिये।

विश्‍व की जनसंख्‍या में समय के साथ निम्‍न प्रकार से वृद्धि हुई ।

समय

विश्‍व की जनसंख्‍या

वर्षों में जनसंख्‍या में वृद्धि

वृद्धि दर

0001 ईस्‍वी

26 करोड

लाखों वर्षों में 26 करोड

 

1300 ईस्‍वी

40 करोड

1300 वर्षों में 14 करोड

0.01

1650 ईस्‍वी

50 करोड

350 वर्षों में 10 करोड

0.02

1804 ईस्‍वी

100 करोड

154 वर्षों में 50 करोड

0.33

1930 ईस्‍वी

200 करोड

126 वर्षों में 100 करोड

0.79

1960 ईस्‍वी

300 करोड

30 वर्षों में 100 करोड

3.33

1974 ईस्‍वी

400 करोड

14 वर्षों में 100 करोड

7.14

1987 ईस्‍वी

500 करोड

13 वर्षों में 100 करोड

7.69

1999 ईस्‍वी

600 करोड

12 वर्षों में 100 करोड

8.33

2011 ईस्‍वी

700 करोड

12 वर्षों में 100 करोड

8.33

2020 ईस्‍वी

780 करोड

9 वर्षों में 80 करोड

8.88

 from www.woldmeter.com

 सारणी  से स्‍पष्‍ट है कि 0001 ईस्‍वी से 2020 तक विश्‍व की जनसंख्‍या दर  में सतत् वृद्धि हो रही है। 0001 से 1300 ईस्‍वी तक यह वृद्धि दर 0.1 थी 1650 तक यह दुगनी होकर 0.2 हो गयी यह वह समय था जब कृषि का विकास हो रहा था। 1804 तक औद्योगीकरण के प्रभाव से जनसंख्‍या दर बढकर 0.79 हो गयी। औद्योगीकरण और कृषि विस्‍तार  के साथ स्‍वाथ्‍य सुविधाओ से यह दर 1960 में 3.33, 1974 में 7.14 और 1987 में 7.69 हो गयी। सम्‍पूर्ण विश्‍व में जनसंख्‍या वृद्धि प्रवृत्ति समान नहीं है। विकास की अवस्‍था में उच्‍चतम जनसंख्‍या वृद्धि की अवस्‍था औद्योगीकरण के साथ सर्वप्रथम यूरोप में आयी। उसके पश्‍चात् पूर्वी, दक्षिण पूर्वी और दक्षिणी एशिया में आयी इसके बाद अफ्रीकी देशों में यह अवस्‍था आयेगी। वर्तमान में सभी महाद्वीपों में अफ्रीका की जनसंख्‍या वृद्धि दर सर्वाधिक है जो कि इस प्रवृति को इंगित करता है। वर्तमान में यूरोप की जनसंख्‍या वृद्धि दर न्‍यूनतम होने के बाद भी उक्‍त कारणों से  विश्‍व की सकल जनसंख्‍या वृद्धि दर में कमी नहीं आ पा रही है।

 

विश्‍व का जनसंख्‍या का घनत्‍व   Density of world population

विश्‍व की भूमि निश्चित है और जनसंख्‍या में सतत् वृद्धि हो रही है इस कारण विश्‍व के औसत जनसंख्‍या घनत्‍व में जनसंख्‍या बढने के साथ औसत घनत्‍व में भी वृद्धि हो रही है। वर्तमान में विश्‍व का औसत जनसंख्‍या घनत्‍व -

 

                                  विश्‍व की कुल जनसंख्‍या

         औसत जनसंख्‍या घनत्‍व   =  ---------------------------------         

                             विश्‍व के स्‍थल का कुल क्षेत्रफल

                               =   25 व्‍यक्ति प्रति वर्ग किमी है।

 

विश्‍व  में जनसंख्‍या घनत्‍व का वितरण असमान है। यहॉ  विश्‍व में एक ओर सिंगापुर का जनसंख्या घनत् 1 जुलाई 2019 को 7894 व्‍यक्ति प्रति वर्ग किमी (विकीपीडिया के अनुसारथा वहीं कनाडा जैसे बडे देश का जनसंख्‍या घनत्‍व 1 जुलाई 2018 को 10 व्‍यक्ति  प्रति वर्ग किमी तथा मंगोलिया का 5.4 व्‍यक्ति प्रति वर्ग किमी था। (विकीपीडिया के अनुसार)।

देश

अधिकम घनत्‍व

देश

न्‍यूनतम घनत्‍व

मोनाको

18960

आस्‍ट्रेलिया

9

सिंगापुर

7894

कनाडा

10

बहरीन

1982

कजाकिस्‍तान

18

मालटा

1633

रूस

23

मालद्वीब

1257

बोलिविया

26

बांगलादेश

1178

चाड

31

वेटिकन

924

माली

39

 

विश्‍व में महाद्वीपों वार जनसंख्‍या घनत्‍व का वितरण

महाद्वीप

जनसंख्‍या घनत्‍व

एशिया

246

यूरोप

188

अफ्रीका

87

उत्‍तरी अमेरिका

57

दक्षिणी अमेरिका

57

ओशेनिया

8.3

अण्‍टार्कटिका

अप्राप्‍त

 

विश्‍व में जनसंख्‍या का वितरण

विश्‍व में जनसंख्‍या का वितरण समान नहीं है। विश्‍व में जनसंख्‍या वितरण प्राकृतिक कारकों (जलवायु, धरातल, जल की उपलब्‍धता, भूमि की उर्वरता, स्‍थानीयता आदि) एवं मानवीय कारक (सांस्‍कृतिक, आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक) से प्रभावित है।

विश्‍व में कुछ देश अधिकतम जनसंख्‍या से युक्‍त हैं वहीं कुछ देशों की जनसंख्‍या न्‍यूनतम है।

संयुक्‍त राज्‍य सेन्‍सेस ब्‍यूरो के अनुसार वर्तमान जनसंख्‍या 17 नवम्‍बर 2020

देश

अधिक जनसंख्‍या

चीन

139 करोड

भारत

132 करोड

सं. राज्‍य अमेरिका

32.9 करोड

इण्‍डोनेशिया

26.7 करोड

पाकिस्‍तान

23.3 करोड

नाइजीरिया

21.4 करोड

ब्राजील

21.1 करोड

बांगलादेश

16.2 करोड

रूस

14.1 करोड

मैक्सिको

12.8 करोड

 

विश्‍व की जनसंख्‍या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक

प्राकृतिक कारक -

जलवायु -

·       मानव को सदैव अनुकूल जलवायु ने आकर्षित किया है यही वजह है विश्‍व की घनी जनसंख्‍या अनुकूल जलवायु क्षेत्र में निवास करती है।

·       इसके विपरीत प्रतिकूल जलवायु जैसे चरम शीत उत्‍तरी एवं दक्षिणी ध्रुव, व हिमाच्‍छादित पर्वतीय प्रदेश, चरम उष्‍णार्द्र जैसे भूमध्‍य रेखीय प्रदेश (एशियायी भाग छोडकर), चरम शुष्‍क जैसे शुष्‍क मरूस्‍थल आदि जनविहीन हैं।

·

 

धरातलीय उच्‍चावच -

·       मानव सम धरातलीय मैदानों में रहता है क्‍योंकि यहॉ आवास, आवागमन, कृषि और उद्योग जैसी गतिविधियॉ करना संभव हो पाता है जबकि विषम धरातल में यह संभव नहीं हो पाता है।

·       यही वजह है कि भारत के उत्‍तर के मैदानों में जनसंख्‍या ज्‍यादा है जबकि उसकी तुलना में पहाडी व पर्वतीय क्षेत्र में जनसंख्‍या कम है।

·

मृदा-

·       विश्‍व की प्रारंभिक सभ्‍यताओं का विकास नदी घाटियों की उपजाउ मृदा में हुआ। औद्योगिक विकास से पूर्व जनाधिक्‍य का प्रमुख कारण उपजाउ मृदा के कृषि प्रदेश ही हुआ करते थे।

भूसतही जल-

·       जल ही जीवन है मानव के जीवन यापन हेतु जल की आवश्‍यकता है यह जीवन के साथ जीवन हेतु जलीय संसाधन व आवागमन भी उपलब्‍ध कराता है दूसरी ओर अन्‍य स्‍थलीय संसाधनों का पोषण करता है। इस कारण भूसतह जल के समीप मानव पुंज निवास करता है।

·       एशिया, यूरोप अमेरिका की सघन जलसंख्‍या भूसतही जल के समीप निवासरत है। 

मानवीय कारक

जनसंख्‍या वितरण में मानवीय कारक अति महत्‍वपूर्ण है। जैसे -

 

कृषि - विश्‍व के गहन कृषि प्रदेश मानव पुंज के केन्‍द्र हैं। कृषि ने प्रारंभ से ही मानव का पोषण किया है। नदी घाटियों एवं नदी मैदानों ने घनी जनसंख्‍या को आकर्षित किया है। भारत में गंगा-सिन्‍धु का मैदान चीन में यांगटिसीक्‍यांग का मैदान ऐसे ही मैदान हैं।

उद्योग - प्रतिवर्ग क्षेत्रफल पर कृषि की तुलना में उद्योग 10 गुना अधिक जनसंख्‍या का पोषण करते हैं इस कारण उद्योग जनसंख्‍या को आकर्षित करते हैं।

·       यूरोप और उत्‍तर पूर्वी सं.रा.अमेरिका की जनसंख्‍या औद्योगीकरण का परिणाम है।

·       भारत के उत्‍तरी मैदान और चीन के कृषि क्षेत्र जिनमें औद्योगीकरण भी हो रहा है निरन्‍तर जनसंख्‍या को आकर्षित कर रहे हैं।

नगरीकरण

नगरों में उद्योग, परिवहन और सेवाओं जैसी सुविधायें होती हैं। ये सुविधायें एक ओर उपभोग हेतु जनसंख्‍या को आकर्षित करती हैं। दूसरी ओर पोषण हेतु रोजगार का भी साधन उपलब्‍ध कराती हैं। इन कारणों से नगर सदैव जनसंख्‍या को आकर्षित करते हैं और ये जनसंख्‍या के केन्‍द्र होते हैं।

परिवहन

दो या दो से अधिक सडकों, रेलमार्गों के मिलन स्‍थल, बंदरगाह आदि नगर निर्माण हेतु प्रेरणा देते हैं जिससे नगरों का निर्माण होता है और जनसंख्‍या का जमाव होता है।

खनन

प्रारंभ से खनिजों का मानव जीवन में सदैव महत्‍व रहा है। इनके मूल्‍य और महत्‍व के कारण ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्‍या का जमाव हो जाता है जिससे नगर का विकास हो जाता है।  

सामाजिक राजनैतिक कारक

·       राजनैतिक कारक - भारत और पाकिस्‍तान का धार्मिक आधार पर प्रवास, चीन की शहरी क्षेत्र में एक बच्‍चा और ग्रामीण क्षेत्र में दो बच्‍चों की नीति, आस्‍ट्रेलिया और अन्‍य देशों की अप्रवास नीति जैसे कारणों से  विश्‍व का जनसंख्‍या वितरण प्रभावित हुआ है।

·       विकास की दशा - विकास शील और अविकसित देशों में समाज अधिक परिपक्‍व नहीं हुआ है जिस कारण जनाधिक्‍य के कुपरिणामों के प्रति एक ओर जागरूकता नहीं है दूसरी ओर उनकी आर्थिक प्राथमिकताओं में जनसंख्‍या नियन्‍त्रण न होने और पर्याप्‍त संसाधनों के अभाव में इन देशों मुख्‍यत: विकासशील देशों में जनसंख्‍या अधिक है।


विवरण हेतु क्लिक करें

PAPER-I बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल


PAPER-II बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम मानव भूगोल का परिचय 

PAPER-III बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम प्रायोगिक भूगोल

 

BA I YEAR QUESTION AND ANSWER (SOLVED)

PAPER - I

UNIT - I सौर मंडल, पृथ्‍वी उत्‍पत्ति की परिकल्‍पनायेंI


PAPER - II

UNIT - I मानव भूगोल की परिभाषा, प्रकृति, विषय क्षेत्र, एवं अन्‍य विज्ञानों से संबन्‍ध।


UNIT - I  क्षेत्रीय विभिन्‍नता की संकल्‍पना Areal differentiation


UNIT - II निश्‍चयवाद, संभववाद, नव निश्‍चयवाद, द्वैतवाद


UNIT - III पर्यावरण से अनुकूलन एस्‍कीमो, बुशमैन, मसाई


UNIT - IV  जनसंख्‍या प्रवास, जनसंख्‍या विस्‍फोट, अनुकूलतम जनसंख्‍या, जनसंख्‍या सामाजिक संसाधन के रूप में।


BA II YEAR SYLLABUS

बी ए द्वितीय वर्षभूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल  

MA GEOGRAPHY SEMESTER-I

PAPER -I GEOMORPHOLOGY (भूआकृति विज्ञान)



सर्वाधिकार लेखकाधीन

patelajaysingh785@gmail.com ©

professorkibaat.blogspot.com


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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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