relief of the ocean
relief feature of the ocean
oceanic relief
oceanic bottom
inner surface of oceanic bottom surface
world oceanic relief
hypsoghraphyc curve of oceanic boggom
relief of the Atlantic Ocean
relief of the Indian ocean.
hypsophraphyc curve
उच्चतामितीय वक्र
इस वक्र के द्वारा स्थल अथवा सागर
नितल के धरातलीय ढाल को प्रदर्शित किया जाता है। स्थलों पर इसके द्वारा पर्वत
पठार मैदान आदि को तथा सागर नितल में महाद्वीपीय मग्नतट, महाद्वीपीय मग्नढाल,
गहरे सागरीय मैदान, महासागरीय गर्त आदि को प्रकट किया जाता है।
2.
relief of the Atlantic Ocean
.आन्ध्र महासागर के सागर नितल
आन्ध्र
महासागर उत्तर और दक्षिण अमेरिका के पूर्व में एवं यूरोप एवं अफ्रीका के पूर्व
में उत्तर से दक्षिण की ओर S आकृति में उत्तर
से दक्षिण की ओर 14400 किमी में फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल 820 लाख वर्ग
किमी है।
इसका सागरनितल की बनावट निम्नलिखित अनुसार है।
1.
मग्नतट – उत्तरी अमेरिका के उत्तरी एवं उत्तर पूर्वी तट पर मग्नतट
चौडे हैं। कनाडा के उत्तर पूर्वी तट एवं न्यूफाउण्ड लैंड के पास मग्न तट चौडे
हैं। हेटरस अन्तरीप के पास मग्नतट सकरे हो गये तत्पश्चात् कैरेबियन सागर,
मैक्सिको की खाडी में मग्नतट चौडे हैं। दक्षिण अमेरिका के उत्तर एवं उत्तरी
पूर्व में नेटाल तक मग्न तट चौडे हैं नेटॉल से रियोडिजेनेरियो तक मग्न तटों का
लगभग अभाव है यहॉ से पुन: दक्षिण की ओर तट के सहारे मग्न तट चौडे होते गये हैं
अर्जेन्टाइना के दक्षिण में ये सर्वाधिक चौडे हो गये हैं।
यूरोप के उत्तरी तट पर मग्न तट
अधिक चौडे हैं उत्तरी सागर मग्नतट पर स्थित है बिस्के की खाडी के पश्चात
दक्षिण की ओर अंगोला तट तक मग्न तट सकरे हैं।इसके दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका तक
पुन: मग्नतट चौडे हैं। देखने के लिए निम्नलिखित लिंक पर जायें।
https://www.freeworldmaps.net/ocean/atlantic/atlantic-ocean-blank-map.jpg
https://www.freeworldmaps.net/ocean/atlantic/atlantic-ocean-hd-map.jpg
https://www.freeworldmaps.net/ocean/atlantic/atlantic-ocean-geography.jpg
2.
मिड अटलाटिंक कटक – आन्ध्र महासागर नितल में मिड अटलांटिक कटक
सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह आन्ध्र महासागर के मध्य में उत्तर से दक्षिण की ओर
अंग्रेजी के S अक्षर की आकृति में फैला
हुआ है। उत्तर में यह आइसलैण्ड के दक्षिण से दक्षिण में वोबट द्वीप पर फैला हुआ
है।
इस कटक को अलग अलग स्थानों पर अलग
अलग नाम दिये गये हैं।
मोहन कटक – नार्वेजियन बेसिन और
ग्रीनलैंड बेसिन के मध्य में।
जनमाइन कटक – आइसलैंड के लम्बवत
उत्तर से उत्तर पूर्व की ओर में स्थित
है
न्यू फाउण्डलैण्ड उभार – उत्तर
में न्यूफाउण्ड लैंड के पास।
टेलिग्राफिक पठार –ग्रीन लैंड के
दक्षिण में।
विविल टामसन कटक – आइसलैंड के
दक्षिण में।
अजोर कटक – अजोर्स द्वीप के पास।
सियरालियोन उभार – भूमध्य रेखा के
समीप।
डालफिन उभार – भूमध्य रेखा के उत्तर
में।
चैलेंजर उभार – भूमध्य रेखा के
दक्षिण में।
वालविस कटक – मध्य कटक से 40 अंश
दक्षिणी अक्षांश से अफ्रीका तट तक 20 अंश दक्षिणी अक्षांश तक।
http://geochronology.coas.oregonstate.edu/walvis-ridge-project/
रियोग्राण्डो रिज – 35 अंश
दक्षिणी अक्षांश से 25 अंश दक्षिणी अक्षांश तक दक्षिणी अमेरिका तट तक ।
https://www.researchgate.net/figure/Bathymetry-of-the-South-Atlantic-Ocean-features-of-the-Walvis-Ridge-and-Rio-Grande-Rise_fig1_335072523
अटलांटिक इंडियन कटक - अफ्रीका के दक्षिण में अटलांटिक महासागर से
हिन्द महासागर की ओर विस्तृत है।
3.
सागरीय मैदान –
1. उत्तरी अमेरिका बेसिन – फाउण्डलैंड और कैरेबियन सागर के मध्य।
2. ब्राजील बेसिन – सनराक प्रायद्वीप
और पारा उभार के मध्य।
3. केप बेसिन – वालविस कटक और
अटलांटिक इंडियन रिज के मध्य में।
4. अंगोला बेसिन – पश्चिम अफ्रीका के
समीप 0 अंश अक्षांश से 15 अंश दक्षिणी अक्षांश तक।
5. गायना बेसिन – सियरा लियोन उभार
एवं गायना तट के मध्य में।
6. केपवर्ड बेसिन – चेलेन्जर उभार और
वालविस कटक के मध्य।
7. कनारी बेसिन – कनारी द्वीप के समीप
अर्द्धवृत्त में।
8. स्पेनिश बेसिन – मध्य अटलांटिक
कटक और स्पेन के मध्य में।
4.
महासागरीय गर्त – मरे के
अनुसार अटलांटिक महासागर में 19 गर्त पाये जाते हैं।
5. सीमान्त सागर – बेफिन की खाडी,
लेब्राडोर की खाडी, कैरेबीयन सागर, मैक्सिको की खाडी, नार्वे सागर, उत्तरी सागर,
बिस्के की खाडी, रूम सागर।
6. द्वीप समूह- बैफिन की खाडी में
स्थित बैफिन द्वीप समूह, न्यूफाउण्ड लैंड, ग्रीन लैंड, आइस लैंड, कैरेबियन द्वीप
समूह, ब्रिटिश द्वीप समूह, कनारी द्वीप समूह, अजोर द्वीप समूह आदि।
relief of the Indian ocean.
हिन्द महासागर के सागर नितल
हिन्द महासागर भारत के दक्षिण में
अरब प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्व में, अफ्रीका के पूर्व में, अंटार्कटिका महाद्वीप
के उत्तर में एवं आस्ट्रेलिया के पश्चिम में स्थित है। आकार की दृष्टि से यह
विश्व का तीसरा बडा महासागर है।
1.
मग्न तट – फारस की खाडी, लाल सागर में मग्नतट चौडे हैं। अफ्रीका
के पूर्वी तट सकरे हैं। मैडागास्कर का पश्चिमी मग्नतट सकरा एवं पूर्वी मग्नतट
चौडा है। भारत का पश्चिमी तट चौडा और पूर्वी तट सकरा है। बांग्लादेश, म्यामार, मलेशिया, इण्डोनेशिया
चौडे मग्न तट रखते हैं। आस्ट्रेलिया का पश्चिमी तट भी चौडा है।
2. मध्य महासागरीय कटक – भारत के
लगभग दक्षिण से जिस पर लक्षद्वीप स्थित है लक्षद्वीप से दक्षिण की ओर भूमध्य रेखा
के दक्षिण तक फैला है। सोकात्रा द्वीप जिस कटक पर स्थित है उसे सोकोत्रा चैगोस कटक
कहते हैं जो दक्षिण में चैगोस कटक से मिल
जाता है। मैडागास्क्र के उत्तर में सेचेल्स कटक जिस पर सेचेल्स द्वीप स्थित
है सेचेल्स कटक जो दक्षिण पूर्व की ओर चैगोस कटक से मिल जाता है। यह चैगोस कटक
दक्षिण में एमस्टरडम सेण्टपाल पठार जो कि लगभग 1600 किमी चौडा है यह 30 अंश
दक्षिणी अंक्षाश पर स्थित है। इस पठार के दक्षिण पश्चिम में करगुलेन-गासबर्ग कटक
तथा दक्षिण पूर्व में भारत अंटार्कटिका कटक है। महासागर में एवं 90 अंश पूर्वी
देशान्तर पर अंडमान द्वीप समूह से होता हुआ दक्षिण दिशा में कटक स्थित है। जो आगे
चल कर सेण्टपाल पठार में मिल गया।
3.
सागरीय मैदान -
3. ओमान बेसिन -
3. अरेबियन बेसिन -
3. सोमालिया बेसिन -
3. नेटाल बेसिन –
अगुलहास बेसिन -
अटलांटिक हिन्द अण्टार्कटिका
बेसिन-
भारत आस्ट्रेलिया बेसिन-
4.
हिन्द महासागर के द्वीप - लक्षद्वीप, मालद्वीप, अण्डमान निकोबार
द्वीप, श्रीलंका द्वीप, साकोत्रा, मेडागास्कार, मारीशस, इण्डोनेशिया द्वीप समूह
आदि।
5. सीमान्त सागर – फास की खाडी, अरब
सागर, बंगाल की खाडी, अंडमान सागर, लाल सागर आदि।
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