cyclone







cyclones 

Tropical cyclones 

temperate cyclones 

type of cyclone

cyclones and associated weather conditions.

classification Tropical and temperate cyclones 

fronts : origin and classification Tropical and temperate cyclones and associated weather conditions.

1.       What is front ?

   वाताग्र क्‍या है ?

वाताग्र का शाब्दिक अर्थ है वायु का अग्र भाग। 


जब तापमान और आर्द्रता सम्‍बधी विपरीत गुणों वाली  वायु आपस में मिलती हैं तो इनके अग्र भाग में इन गुणों में परिवर्तन आ जाता है। अधिक तापमान और आर्द्रता युक्‍त वायु  के तापमान और आ्रर्द्रता में कमी आ जाती है और शीत और शुष्‍क वायु के तापमान और आर्द्रता में वृद्धि हो जाती है। 


नये गुणों से निर्मित इस अग्र भाग को वाता्ग्र कहते हैं। 

इसमें कोहरा, बादल आदि लक्षण प्रदर्शित होते हैं।

2.       चक्रवात क्‍या होते हैं ? 

What is cyclone

      चक्रवात शब्‍द दो शब्‍दों चक्र तथा वात से मिल कर बना है जिसका अर्थ है चक्र भांति घूमती हुई वायु।


चक्रवात में वायु न्‍यून वायुदाब के चारो ओर घूमती है।


न्‍यून वायुदाब के चारो ओर के अपेक्षाकृत उच्‍च दाब से न्‍यून वायुदाब के केन्‍द्र की ओर हवायें चलती है। लेकिन कोरियालिस बल के कारण यह हवाये निम्‍नदाब के केन्‍द्र पर न पहॅुचकर उसके चारो ओर चक्‍कर लगाती हुई उपर तथा बाहर की ओर निकलती है।

अत: चक्रवात नीचे संकरा होता है लेकिन उपर की ओर कीप की भांति चौडा होता जाता है। 


इनमें हवाओं की दिशा उत्‍तरी गोलार्द्ध में घडी की सुईयों के विपरीत एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में घडी की सुईयों के अनुकूल होती हैं। 


इन चक्रवातों की आकृति  वृत्‍ताकृति, अण्‍डाकृति, V आकृति होती है।     

 

3.       What is tropical cyclone?

   उष्‍णकटिबन्‍धीय चक्रवात क्‍या होते हैं ?

 

उष्‍णकटिबन्‍ध में उत्‍पन्‍न होने वाले चक्रवातों को उष्‍ण कटिबन्‍धीय चक्रवात कहते हैं।




1.     यह 5 से 30 अंश अक्षांशों के मध्‍य ये दोनो गोलार्द्धों में गर्म सागरों के उपर उत्‍पन्‍न होते हैं।


2.   इनमें मौसम संबंधी भिन्‍नतायें नहीं होती हैं।


3.  इसमें चक्षु को छोडकर पूरे चक्रवात में सतत् वर्षा होती है।


4.   इनका व्‍यास 50 से लेकर 300 किमी तक होता है। ये चक्रवात 40 किमी प्रति घंटा से लेकर 300 किमी प्रति घंटा की गति रखते हैं।


5.   इन चक्रवातों को उर्जा सागरीय जलवाष्‍प के संघनन से मुक्‍त उर्जा से मिलती है  स्‍थलों पर इसका अभाव होता है अत: चक्रवात धीमे और क्षीण हो जाते हैं।


6.       हवाओं की गति एवं तीव्रता के आधार पर विभाजित किया जा सकता है। उष्‍ण कटिबन्‍धीय विक्षोभ, उष्‍ण कटिबन्‍धीय विक्षोभ, चक्रवात्,  हरिकेन या टाइफून, टारनैडो आदि।

3.       What is temerate cyclones? write its associated weather conditions. 

शीतोष्‍ण चक्रवात क्‍या होते हैं ? इससे सम्‍बन्धित मौसम दशाओं को लिखिये।


परिचय - निम्‍न वायुदाब के केन्‍द्र के चारो ओर हवाओं के चक्रण से इन चक्रवातों का निर्माण होता है।

केन्‍द्र का निम्‍न दाब और बाह्य उच्‍चदाब के मध्‍य 10 से 35 मिलीबार का अन्‍तर हो सकता है। 

केन्‍द्र के चारो ओर की हवाये केन्‍द्र की ओर आती हैं लेकिन कोरियालिस बल के कारण केन्‍द्र पर न पहॅुचकर चक्‍कर लगाती हुई उपर और बाहर की ओर निकल जाती है जिससे केन्‍द्र पर निम्‍न दाब बना रहता है।

 

क्षेत्र - 35 सं 60 अंश अक्षांशों के मध्‍य  पछुआ हवाओं के क्षेत्र में बनने वाले चक्रवातों को शीतोष्‍ण चक्रवात कहते हैं।


आकार एवं आकृति - इनका केन्‍द्र वृत्‍ताकृति, अण्‍डाकृति का होता है। इनका सामान्‍य व्‍यास 1000 से 2000 किमी तक होता है। 


यह पछुआ हवाओं के साथ पश्चिम से पूर्व दिशा में चलते हैं। इनमें हवाओं की गति 20 से 40 मील प्रति घंटा लगभग होती है।


चक्रवात का प्रारंभ - चक्रवात का प्रारंभ दो विपरीत स्‍वभाव वाली हवाओं का एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश करने से होता है।


उष्‍ण वाताग्र- ठंडी हवा गर्म हवा के क्षेत्र में प्रवेश करती है तब ये हवा उसे उपर उठा देती है जिससे इन दोनो हवाओं के मध्‍य शीत वाताग्र का निर्माण होता है जिससे शीत वाताग्र क्षेत्र में वाताग्र का कोण अधिक होने से भारी वर्षा होती है।


शीत वाताग्र - गर्म हवा ठंडी हवा के क्षेत्र में प्रवेश करती है तो गर्म हवा ठंडी हवा के उॅपर चढ जाती है जिससे दोनों के मिलन रेखा क्षेत्र में उष्‍ण वाताग्र का निर्माण होता है और इस उष्‍ण वाताग्र क्षेत्र में वाताग्र का कोण मंद होने से हल्‍की वर्षा होती है।


शेष वृत्‍तांश - शेष शीत वायु भाग में मौसम खुला और शीत युक्‍त होता है जबकि उष्‍ण भाग में मौसम खुला और उष्‍ण होता है।


प्रभाव - उत्‍तरी गोलार्द्ध में ये चक्रवात गर्म सागरों (गल्‍फस्‍ट्रीम के कारण गर्म) के उपर बनते हैं और पूर्व की ओर यूरोप में प्रवेश करते हैं।


वर्ष भर पछुआ हवाओं के कारण वर्ष भर इनका निर्माण होता है जिससे इनसे प्रभावित पश्चिमी यूरोप वर्ष भर वर्षा प्राप्‍त करता है। पूर्व की ओर जाने पर इनसे वर्षा कम होती है और इनका प्रभाव समाप्‍त हो जाता है।

 सर्वाधिकार लखकाधीन©

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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