बी. ए. प्रथम वर्ष
मानव भूगोल
ईकाई - 4
जनसंख्या का प्रवास और अप्रवास Migration and Immigration of
प्रवास Migration किसी निश्चित समय हेतु किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की प्रक्रिया प्रवास है।
अर्न्तदेशीय प्रवास ( An immigrant ) - किसी देश के लोगों का किसी निेश्चत अवधि हेतु देश में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना अर्न्तदेशीय प्रवास है।
अर्न्तराष्ट्रीय प्रवास (An emigrant ) - एक देश के व्यक्ति या व्यक्तियों के समूहों का एक देश से दूसरे देश में चले जाना अर्न्तराष्ट्रीय प्रवास है।
बर्हिप्रवास - किसी क्षेत्र या देश की सीमा से बाहर किसी अन्य देश या क्षेत्र में प्रवास करना बर्हिप्रवास है। भारतीय पेशेवरों द्वारा अमेरिका एवं यूरोप में जाकर सेवायें देना और वहॉ अस्थायी या स्थायी रूप से बस जाना बर्हिप्रवास है।
आप्रवास- किसी क्षेत्र या देश में किसी दूसरे देश या क्षेत्र से होने वाला प्रवास आप्रवास है। खाडी देशों में इराक ईरान युद्ध परिस्थितियों में वहॉ काम करने वाले भारतीयों का भारत में आना अप्रवास है।
मौसमी प्रवास -
· यह प्रवास चरवाहों और कृषि कामगारों द्वारा किया जाता है जो समूह में घास के लिए पशुओं के साथ प्रवास करते हैं।
· ऐसा जम्मू कश्मीर के गुज्जर और बकरवाल शीत काल में घाटी में आ जाते हैं जबकि ग्रीष्म काल में पहाडो की ओर चले जाते हैं।
· कृषि कामगार गैर कृषि क्षेत्र से कृषि क्षेत्रों के लिए प्रवास करते हैं। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर और होशंगाबाद में कृषि कार्यों हेतु सतपुडा पहाडियों में रहने वाले कृषि कामगार कृषि मजदूरी हेतु मौसम के अनुसार नर्मदा घाटी के मैदानों में आ जाते हैं। कृषि कार्यों की समाप्ति पर पुन: पहाडी/पठारी क्षेत्रों में स्थित अपने घरों को लौट जाते हैं।
शरणार्थी- किसी देश या प्रदेश में युद्ध/महामारी/भूकम्प/बाढ/धार्मिक कारणों से आदि के कारण मूल देश या प्रदेश् को छोडकर अन्य देश या प्रदेश में अस्थायी तौर पर बसने या शरण प्राप्त करने वाले व्यक्ति या व्यक्ति समूहों को शरणार्थी कहते हैं।
प्रवास के कारण -
राजनैतिक - भारत और पाकिस्तान विभाजन एक राजनीतिक कारण था जिस कारण लाखो लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर गये।
सांस्कृतिक - भारत और नेपाल सांस्कृतिक एक रूपता के कारण इनकी साझा सीमायें खुली हुई हैं जिस कारण इनमें प्रवास एवं अप्रवास स्वच्छन्द रूप से होता है।
धार्मिक - इसराइल का निर्माण धार्मिक आधार पर विश्व भर में फैले हुए यहूदियों के इसराइल प्रवास के कारण हुआ। आज यह छोटा सा लेकिन शक्तिशाली देश है।
आर्थिक- विश्व में प्रवास एवं अप्रवास का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख कारण आर्थिक है। विश्व के सभी विकसित देशों में भारतीय पेशेवर अपनी सेवायें दे रहे हैं क्योंकि भारतीय पेशेवरों को उन देशों में आर्थिक रूप से अधिक मूल्य प्राप्त होता है।
पर्यावरणीय- सुनामी, बाढ और भूस्खलन आदि के कारण लोग एक स्थान से दूसरे स्थान को पलायन कर जाते हैं। यह पलायन अस्थायी और स्थायी दोनों प्रकार का होता है।
प्रवास सिद्धान्त (नेट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा हेतु) | |
रेवेन्स्टीन | प्रवास नियम |
ली | पुल तथा पुश प्रवास परिकल्पना |
जे के जिफ | न्यूनतम प्रयास सिद्धान्त |
डब्ल्यू रेली व स्टूवर्ट | गुरूत्व मॉडल |
एस स्टाफर | अन्तरालयी अवसर सिद्धान्त |
हैगस स्टेण्ड | क्षेत्रीय अन्तक्रिया संकल्पना |
जनसंख्या विस्फोट population explosion
· विस्फोट का आशय है कि अल्प समय में किसी वस्तु या सामग्री का शीघ्रता से प्रसार हो जाना है।
· जनसंख्या विस्फोट का आशय जनसंख्या का अल्प समय में अधिक हो जाने से है।
· उन विकासशील देशों में जिनमें स्वास्थ्य सुविधाओं से मृत्युदर कम हो जाती है लेकिन जन्म दर पर नियंन्त्रण न हो पाने के कारण जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होती है।
· जनसंख्या विस्फोट उस समय अधिक उल्लेखनीय एवं गंभीर हो जाता है जब जनसंख्या की तुलना में संसाधनों का विकास नहीं हो पाता है।
· इससे प्रति व्यक्ति आय में कमी, गरीबी, बेरोजगारी और मूल सुविधाओं का विस्तार न होने से जीवन स्तर में कमी आ जाती है।
· उच्च जन्म दर और न्यून मृत्युदर वाले सभी विकासशील देश इस अवस्था में हैं।
अनुकूलतम जनसंख्या की संकल्पना concept of ptimumPopulation
आपस की बात - किसी घर में उपलब्ध खाद्य सामग्री इतनी है कि परिवार के चार लोगों का अधिकतम पोषण और अधिकतम संतुष्टि संभव है इसे खाद्य संसाधन के सापेक्ष अनुकूल जनसंख्या हैं। यदि परिवार में उक्त खाद्य ससांधन की तुलना में चार के स्थान पर पॉच व्यक्ति हो जाते हैं तब प्रति व्यक्ति उपलब्ध खाद्य संसाधन पहले से कम हो जायेगा। संसाधनो की तुलना में व्यक्तियों का अधिक होना जनाधिक्य है। अत: यह व्यक्ति चार लोगों के संसाधन बोझ स्वरूप है। अब अनूकूलतम जनसंख्या की स्थिति प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त एक व्यक्ति हेतु अधिकतम पोषण एवं संतुष्टि हेतु खाद्य संसाधन का विकास आवश्यक होगा। इसी प्रकार उपलब्ध खाद्य संसाधन की तुलना में जनसंख्या कम हो तो उसे अव जनसंख्या कहते हैं। क्योंकि इसमें उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता है।
संकल्पना
· किसी देश/प्रदेश/क्षेत्र में जनसंख्या हेतु उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम विकास से जितनी जनसंख्या की अधिकतम संतुष्टि/विकास/कल्याण/ प्रतिव्यक्तिआय/उच्चतम जीवन स्तर संभव हो को अनुकूलतम जनसंख्या कहते है।
· सामान्यत: यह संसाधनों और वहॉ की जनसंख्या हेतु संसाधनों के उपयोग के मध्य संतुलन है।
अलग अलग विद्वानों ने इसकी अलग अलग परिभाषायें दी हैं।
· केन्टीलोन ने सर्वप्रथम अनुकूल जनसंख्या शब्द का प्रयोग किया।
· बोल्डिंग, केन्टीलोन के अनुसार वह जनसंख्या जिसका उपलब्ध संसाधनों के विकास से उच्चतम जीवनस्तर प्राप्त किया जा सके।
· राबिन्सन, कारसाउन्डर्स के अनुसार वह जनसंख्या जिसका उपलब्ध संसाधनों के विकास से अधिकतम कल्याण किया जा सके।
· डाल्टन के अनुसार वह जनसंख्या जिसका उपलब्ध संसाधनों के विकास से प्रति व्यक्ति अधिकतम आय प्राप्त हो।
· पीटरसन के अनुसार वह जनसंख्या जिसका उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम विकास से अधिकतम आर्थिक प्रतिफल उत्पन्न सके।
उक्त परिभाषाओं से स्पस्ट है कि विद्धानों ने जनसंख्या के अधिकतम विकास को अलग अलग शब्दों से प्रकट किया है।
सामाजिक संसाधन के रूप में जनसंख्या Population as social capital
मानव उपयोग में आने वाली प्रत्येक वस्तु या पदार्थ या विचार संसाधन है। मानव स्वयं मानव के लिये उपयोगी है वह अन्य संसाधनों का भी विकास करता है अत: मानव भौतिक व अभौतिक दोनो रूप में संसाधन है।
· मानव विचारक के रूप में - विचार ही विज्ञान का मूल है। प्रकृति के पदार्थों का संसाधनों के रूप में उपयोग मानव विचार से ही होता है। अत: भौतिक संसाधनों से पूर्व मानव विचार, ज्ञान, क्षमता, साहस, नीति जैसे अभौतिक संसाधनों से युक्त मानव संसाधन अति आवश्यक है।
· उत्पादक सांस्कृतिक संसाधनों के निर्माता के रूप में - कृषि, खनन, मतस्यन, उद्योगृ परिवहन, सेवायें, आदि कार्य बिना मानव के सम्पूर्ण नहीं हो पाते हैं। संसाधनों के दोहन हतु जनसंख्या संसाधन है।
· सांस्कृतिक संसाधनों के निर्माता के रूप में - नगर, ग्राम, खेत, सडक, रेल, नहर, पुल, कारखाने, सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक, न्यायिक कार्यालय आदि के निर्माणकर्ता के रूप में मानव संसाधन है।
·
· उपभोक्ता के रूप में - किन्हीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था उसके उपभोग क्षमता से आंकी जाती है। अधिक और विविध उपयोग एक ओर अन्य मानव समूहों को रोजगार प्रदान करता है वहीं उस प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि करता है।
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PAPER-I बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल
PAPER-II बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम मानव भूगोल का परिचय
PAPER-III बी ए प्रथम वर्ष भूगोल पाठ्यक्रम प्रायोगिक भूगोल
BA I YEAR QUESTION AND ANSWER (SOLVED)
PAPER - I
UNIT - I सौर मंडल, पृथ्वी उत्पत्ति की परिकल्पनायेंI
PAPER - II
UNIT - I मानव भूगोल की परिभाषा, प्रकृति, विषय क्षेत्र, एवं अन्य विज्ञानों से संबन्ध।
UNIT - I क्षेत्रीय विभिन्नता की संकल्पना Areal differentiation
UNIT - II निश्चयवाद, संभववाद, नव निश्चयवाद, द्वैतवाद
UNIT - III पर्यावरण से अनुकूलन एस्कीमो, बुशमैन, मसाई
UNIT - IV जनसंख्या वृद्धि, घनत्व और वितरण
BA II YEAR SYLLABUS
बी ए द्वितीय वर्षभूगोल पाठ्यक्रम भौतिक भूगोल
MA GEOGRAPHY SEMESTER-I
PAPER -I GEOMORPHOLOGY (भूआकृति विज्ञान)
सर्वाधिकार लेखकाधीन
patelajaysingh785@gmai.com©
professorkibaat.blogspot.com



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