Insolation

 

      Insolation 

     सूर्यातप    

 W             What is Insolation?  Describe the factors affecting its distribution.

   सूर्यातप क्‍या है? इसको प्रभावित करने वाले कारकों को लिखिये।


   उत्‍तर – सूर्य की सतह से लघु तरंगों तथा फोटान के रूप में निकलने वाली और विकिरण विधि

   (1,86,000 मील प्रति सेकेण्‍ड की गति) द्वारा पृथ्‍वी का प्राप्‍त होने वाली उर्जा सूर्यातप हैं।


    पृथ्‍वी पर पहॅुचने वाली इस उर्जा को निम्‍नलिखित कारक प्रभावित करते हैं।

  1. सूर्य की किरणों का तिरछापन

  2. वायुमण्‍डल का प्रभाव

  3. पृथ्‍वी की सूर्य से दूरी

  4. अक्षांशीय प्रभाव

  5. दिन की अवधि  


1. सूर्य की किरणों का तिरछापन – भूमध्‍यरेखा एवं उसके पास सूर्य की किरणें सीधी पडती हैं जिससे जबकि ध्रुवों के समीप तिरछी पडती हैं।

सीधी किरणें कम क्षेत्रफल पर तथा वही किरणे तिरछी होने पर अधिक क्षेत्रफल पर पडती हैं जिससे प्रति क्षेत्रफल सूर्यातप की मात्रा भूमध्‍य रेखा तथा उसके पास अधिक प्राप्‍त होती है

जबकि ध्रुवों के पास कम प्राप्‍त होती है।


2. वायुमण्‍डल का प्रभाव भूमध्‍य रेखा और उसके आसपास पहॅुचने वाला सूर्यातप वायुमण्‍डल की परतों के कम भाग को पार करती हैं जबकि ध्रुवों पर पहॅुचने वाली किरणें वायुमण्‍डल के बडे भाग को पार करती हैं।

वायुमण्‍डल में धूल, धॅुआ, जलवाष्‍प, मेघ व ग्रीन हाउस गैंसे सूर्यातप के अंश को अवशोषित कर लेती हैं जिससे धरातल पर पहॅुचने वाले सूर्यातप में उसी अनुपात में कमी आ जाती है।


3. पृथ्‍वी की सूर्य से दूरीदूरी बढने पर सूर्यातप का प्रभाव कम होता है। अपभू की स्थिति में सूर्य से पृथ्‍वी की दूरी में वृद्धि हो जाती है और यह दूरी 15.2 करोड किलोमीटर होती है।

जबकि उपभू की स्थिति में सूर्य एवं पृथ्‍वी के मध्‍य की दूरी कम होकर 14.7 करोड किलोमीटर रह जाती है।

अत: दूरी बढने पर पृथ्‍वी को कम सूर्यातप और कम होने पर अधिक सूर्यातप प्राप्‍त होता है।


4.  अक्षांशीय प्रभाव - भूमध्‍य रेखा से ध्रुवों की ओर अक्षांशों के अनुसार सूर्यातप में कमी आती जाती है। भूमध्‍य रेखा पर सूर्यातप का 100 प्रतिशत एवं ध्रुवों पर सूर्यातप का 42 प्रतिशत प्राप्‍त होता है।


5. दिन की अवधि सूर्यातप पर दिन की अवधि का प्रभाव पडता है। 


उत्‍तरी एवं दक्षिणी गोलाद्धों में समान अक्षांशों पर दिन की अवधि में अंतर होने पर सूर्यातप की प्राप्ति में अन्‍तर हो जाता है। 

यदि उत्‍तरी गोलार्द्ध में ध्रुव के समीप दिन की अवधि 4 माह है उसी समय दक्षिणी गोलार्द्ध में उन्‍हीं अक्षांशों पर रात्रि की अवधि 4 माह की होगी जिससे उत्‍तरी गोलार्द्ध के सम्‍बन्धित अक्षांश अधिक सूर्यातप और दक्षिणी गोलार्द्ध के सम्‍बन्धित अक्षांश न्‍यून सूर्यातप प्राप्‍त करेंगें।

   

पृथ्‍वी के उष्‍मा बजट को लिखिये।


उत्‍तर – पृथ्‍वी पर उष्‍मा का प्रमुख स्‍त्रोत सूर्य है।

पृथ्‍वी दिन में सूर्य की उष्‍मा से गर्म होती है एवं रात्रि में इस उर्जा का विकिरण होता है। 

पृथ्‍वी पर सूर्य से प्राप्‍त उष्‍मा एवं विकिरण द्वारा क्षय उष्‍मा के लेखा जोखा को पृथ्‍वी का उष्‍मा संतुलन या उष्‍मा बजट कहते हैं। 




उष्‍मा का यह लेखा जोखा निम्‍नलिखत प्रकार है।




 

   




पृथ्‍वी पर तापमान के क्षैतिज वितरण को लिखिये।

 उत्‍तर – सूर्यातप के वितरण के अनुसार धरातल पर तापमान का क्षैतिज वितरण पाया जाता है।


सूपन के अनुसार तापमान के वितरण पर स्‍थल तथा जल के विषम स्‍वभाव, प्रचलित पवन, सागरीय धाराओं, वाष्‍पीकरण और वर्षा आदि का भी प्रभाव होता है। 


इस कारण सूपन ने पृथ्‍वी पर तापमान का वितरण समताप रेखाओं द्वारा निर्धारित किया है। सूपन ने धरातल पर तापमान के क्षैतिज वितरण को निम्‍नलिखित प्रकार बताया है।



उष्‍ण कटिबन्‍ध- भूमध्‍य रेखा के दोनो ओर 20 अंश सेल्सियस की वार्षिक समताप रेखा तक उष्‍ण कटिबन्‍ध है।


भूमध्‍य रेखा पर सूर्यप्रकाश लम्‍बवत प्राप्‍त होता है भूमध्‍य रेखा से ध्रवों की ओर जाने पर क्रमश: प्रकाश किरणे तिरछी होती जाती है और सूर्यातप में कमी आती जाती है जिससे तापमान में भी कमी आती है।


शीतोष्‍ण कटिबन्‍ध- उत्‍तरी गोलार्द्ध में शीतोष्‍ण कटिबन्‍ध की उत्‍तरी सीमा का निर्धारण जुलाई की 10 अंश सेल्सियस की समताप रेखा द्वारा निर्धारित किया है। यहॉ तापमान उष्‍ण कटिबन्‍ध से कम और शीत कटिबन्‍ध से अधिक होते हैं।


शीत कटिबन्‍ध- शीतोष्‍ण कटिबन्‍ध के पश्‍चात् ध्रुव तक शीत कटिबन्‍ध है जिसका तापमान सदैव 10 अंश सेल्सियस से कम होता है।


What is horizontal distribution  of heat on the earth?

  




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Milan Tomic

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