currents of the Indian ocean
हिन्द महासागर की धारायें
हिन्द महासागर की धारायें सागर पर बहने वाली हवाओं से प्रभावित है। ग्रीष्म काल और शीत काल में मानसून हवाओं में परिवर्तन से सागरीय धाराओं में परिवर्तन इसका स्पष्ट उदाहरण है। महासागर के पूर्व में आस्ट्रेलिया एवं पश्चिम में अफ्रीका की उपस्थिति का प्रभाव यहॉ की धाराओं पर पडा है।
हिन्द महासागर में निम्नलिखित अनुसार धारायें प्रवाहित होती हैं।
1. ग्रीष्मकालीन दाक्षिण पश्चिम मानसून धारा
उत्तरी हिन्द महासागर
में ग्रीष्म काल में दक्षिण पश्चिम दिशा से हवायें चलती हैं जिन्हें दक्षिणी
पश्चिमी मानसून कहते हैं। इनसे प्रभावित होकर सागरीय धारा भी दक्षिण पश्चिम दिशा
से उत्तर पूर्व की ओर प्रभावित होती हैं। इसमें दक्षिणी विषुवतीय धारा का गर्म जल
आता है उष्ण कटिबन्ध में बहने के कारण भी गर्म धारा है।
2. शीतकालीन उत्तर पूर्वी मानसून धारा
शीतकाल में हवाओं की दिशा
परिवर्तित होकर उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है य्रह धारा ग्रीष्म काल में प्रवाहित दक्षिण पश्चिम मानसून धारा का
स्थान लेती है।
3. विषुवतरेखीय विपरीत धारा
शीतकाल में उत्तर पूर्वी
मानसून धारा के आविर्भाव के साथ ही विषुवत रेखा के समानान्तर दक्षिण में विपरीत
धारा का जन्म हो जाता है यह धारा अफ्रीका तट से पूर्व में इण्डोनेशिया तट तक
प्रवाहित होती है और शीतकालीन मानसून धारा के साथ मिल कर चक्र को पूर्ण करती है।
इस धारा का आविर्भाव पश्चिमी भाग में शीतकालीन मानसून धारा द्वारा लाये गये जल से
और वायुमण्डलीय पेटियों के दक्षिण की ओर खिसकने से विषुवत रेखा पर डोलड्रम प्रभाव
क्षेत्र में प्रवाहित होती है।
4. दक्षिण विषुवतरेखीय धारा-
व्यापारिक हवाओं के
प्रभाव में पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली विषुवतरेखीय धारा जो कि
विषुवत रेखा के दक्षिण में प्रवाहित होती है। यह गर्म जलधारा है।
5. मोजाम्बिक की धारा-
विषुवतरेखीय धारा के जल
का वह भाग जो कि पश्चिम में अफ्रीका तट के समीप मेडागास्कर और अफ्रीका के मध्य
स्थित जल संधि में प्रवाहित हेाती है।
6. पछुआ पवन प्रवाह-
हिन्द महासागर के दक्षिण
भाग में पछुआ हवाओं से प्रेरित पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाला प्रवाह
पछुआ पवन प्रवाह है। दक्षिणी ध्रवीय ठंडे जल के प्रभाव से इसका जल ठंडा है इस कारण
यह ठंडी धारा है।
7. पश्चिमी आस्ट्रेलिया धारा- व्यापारिक हवाओं के प्रभाव से पश्चिम आस्ट्रेलिया तट का जल
विषुवत रेखीय जल धाराओं के रूप में पश्चिम की ओर बहा लिया जाता है जिसकी आपूर्ति
अध: सागरीय जल से होती है यह अध:सागरीय जल ठंडा हेाता है इस कारण यह ठंडी धारा है
इसकी दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है।
8. अगुलहास की धारा- यह धारा मेडागास्कर के दक्षिण में मेडागास्कर के पूर्व में दक्षिणी विषुवतरेखीय धारा एवं
पश्चिम में प्रवाहित होने वाली मोजाम्बिक की धाराओं के संगम से मेडागास्कर के दक्षिण में बनती है। यह गर्म धारा है।
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