Currents of Atlantic ocean आन्ध्र महासागर की धारायें

 Currents of Atlantic ocean

Andhra Mahasagar ki Dharayen

    आन्‍ध्र महासागर की धाराओं को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।

1. उत्‍तरी आन्‍ध्र महासागर की धारायें  2. दक्षिणी आन्‍ध्र महासागर की धाराय



उत्‍तरी आन्‍ध्र महासागर की धारायें-

1. उत्‍तरी विषुवतरेखीय धारा –

विस्‍तार -  5 अंश उत्‍तर के उत्‍तर में अफ्रीका तट से दक्षिण अमेरिका तट तक उष्‍ण धारा पूर्व से पश्चिम दिशा में।

कारण - व्‍यापारिक हवाओं के प्रभाव में विषुवत रेखा के सामान्‍तर महासागरीय सतह का जल पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होता है। इसकी उत्‍पत्ति की एक वजह पृथ्‍वी के घूर्णन को भी बताया जाता है जिसके अनुसार महासागरीय जल पृथ्‍वी के घूर्णन का साथ नहीं दे पाता।


2. गल्‍फ स्‍ट्रीम –

विस्‍तार – मैक्सिको की खाडी से यूरोपीय तट तक उष्‍ण धारा।

कारण – उत्‍तरी विषुवत रेखीय धारा द्वारा मैक्सिको की खाडी में सतत् जलप्रवाह और जल संग्रह से उत्‍पन्‍न ।


फलोरिडा की धारा – मैक्सिको की खाडी से हैटरस अन्‍तरीप ।


गल्‍फ स्‍ट्रीम – हैटरस अन्‍तरीप से न्‍यूफाउण्‍ड लैंड तक न्‍यू फाउण्‍ड लैंड के पास इसमें लेब्राडोर की धारा का ठंडा पानी मिल जाता है।


गल्‍फ स्‍ट्रीम का डेल्‍टा – न्‍यू फाउण्‍डलैंड से यूरोप तक।


3. लेब्राडोर की धारा – बैफिन की खाडी तथा डेविस जलडमरू से प्रारंभ होकर न्‍यू फाउण्‍डलैंड तक ठंडी धारा।


4. उत्‍तरी अटलांटिक पछुआ पवन ड्रिफट- इसे गल्‍फ स्‍ट्रीम का डेल्‍टा भी कहते हैं यह न्‍यू फाउण्‍डलैंड से यूरोप तट तक  पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर इसकी कई शाखायें हो जाती हैं। नार्वे के उत्‍तर में नार्वे की धारा, आइसलैण्‍ड के दक्षिण में इरमिंगर की धारा, ग्रीन लैंड के पूर्व में ग्रीनलैंड की धारा। बिस्‍के की खाडी में रेनेल की धारा, एक धारा रूम सागर में, एक शाखा इंगलिस चैनल में, एक शाखा कनारी धारा में मिल जाती है।


5. कनारी की धारा - कनारी द्वीप के समीप उत्‍तर से दक्षिण की ओर गहरे सागरीय भाग के जल के उपर आने से ठंडी धारा का निर्माण होता है।

 

दक्षिणी आन्‍ध्र महासागर की धारायें -


1. दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा- विस्‍तार -  5 अंश दक्षिणा के दक्षिण में अफ्रीका तट से ब्राजील तट तक उष्‍ण धारा पूर्व से पश्चिम दिशा में।

कारण - व्‍यापारिक हवाओं के प्रभाव में विषुवत रेखा के सामान्‍तर महासागरीय सतह का जल पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होता है। इसकी उत्‍पत्ति की एक वजह पृथ्‍वी के घूर्णन को भी बताया जाता है जिसके अनुसार महासागरीय जल पृथ्‍वी के घूर्णन का साथ नहीं दे पाता।


2. ब्राजील धारा- दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा के जल का ब्राजील तट से टकराकर मुडने से ब्राजील धारा का जन्‍म होता है यह उत्‍तर से दक्षिण की ओर  अर्जेण्‍टाइना के तट तक प्रवाहित होती है यह गर्म धारा है।


3. दक्षिणी अटलांटिक पछुआ पवन ड्रिफट – अर्जेण्‍टाइना के दक्षिणी तट से अफ्रीका के तट तक पछुआ हवाओं के प्रभाव में प्रवाहित होती है। दक्षिण ध्रुवीय जल के आगमन से यह ठंडी धारा है।


4. बेंगुला की धारा -  अफ्रीका तट के समीप दक्षिण से उत्‍तर की ओर प्रवाहित होने वाली ठंडी धारा है। व्‍यापारिक पवनों द्वारा सतही जल के बहा ले जाने के कारण निचले सागर से जल के उपर आ जाने ठंडी धारा का निर्माण्‍ होता है।


5. विषुवत रेखीय विपरीत धारा- उत्‍तरी एवं दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा के द्वारा पश्चिम में जल बहा ले जाने और महासागर के पश्चिमी भाग में जल की अधिकता होने के कारण दोनों धाराओं के मध्‍य में हवाओं के शान्‍त (डोलड्रम) होने से विपरीत विषुवत रेखीय धारा का जन्‍म हेाता है। यह उष्‍ण धारा है जिसका पूर्व में प्रमुख विस्‍तार है।

 

सर्वाधिकार लखकाधीन©

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Milan Tomic

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